रायपुर: छत्तीसगढ़ के सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल बीएड प्रशिक्षार्थियों के लिए रहत भरी खबर है. मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)ने विशेष अवकाश याचिका (SLP) पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है।
सुप्रीमकोर्ट के जस्टिस एएस. बोपन्ना और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्र की डिवीजन बेंच ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के निर्णय पर रोक लगाने के साथ ही बीएड अभ्यर्थियों को सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के लिए पात्र मानते हुए राज्य शासन को प्रक्रिया जारी रखने के निर्देश जारी किए हैं। आपको बता दें छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए छत्तीसगढ़ बीएड अभ्यर्थी हरिशंकर के साथ अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी।
सुप्रीमकोर्ट के आदेश पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
क्या है मामला
छत्तीसगढ़ बीएड अभ्यर्थी विकास मिश्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बीएड प्रशिक्षार्थियों को बाहर कर दिया था। जिसके बाद लोक शिक्षण संचालनालय ने सिर्फ डीएड डिग्री धारकों को काउंसलिंग के लिए आवेदन आमंत्रित किया और डीएड कैंडीडेट की नई मेरिट लिस्ट जारी कर दी गई. फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट से रहत की खबर मिली है.
संबधित खबर: सहायक शिक्षक भर्ती मामला: ओपी से मिले बीएड डिग्रीधारक… जाने क्या है पूरा मामला…
साढ़े 6 हजार सहायक शिक्षक पदों चल रही है भर्ती की प्रक्रिया
छत्तीसगढ़ शासन ने 4 मई 2023 को 6 हजार 500 पदों सहायक शिक्षकों के भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। विज्ञापन में ही छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा (भर्ती और शैक्षणिक संवर्ग) भर्ती नियम 2019 में संशोधन किया गया। इसके अनुसार सहायक शिक्षक की भर्ती के लिए स्नातक के साथ बीएड और डीएड अनिवार्य योग्यता रखी गई। 10 जून 2023 को परीक्षा हुई जिसमें बीएड और डीएड करने वाले अभ्यर्थी शामिल हुए। इसके बाद डीएड चुके कुछ उम्मीदवारों ने वकील के जरिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई। याचिका में कहा गया कि डीएड कोर्स में प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। बीएड में उच्चतर कक्षाओं में अध्ययन-अध्यापन की ट्रेनिंग दी जाती है।