कोरबा: एनटीपीसी के भू विस्थापन से प्रभावित कोरबा जिले के चारपारा निवासी बीते चार महीने से नौकरी तथा बचे हुए जमीन की मुआवजा व क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर लगातार धरना दे रहे हैं, पर अभी तक समस्या का निदान नहीं हो सका। इससे नाराज 9 भू- विस्थापितों ने मंगलवार को भू विस्थापितों ने कोरबा कलेक्टर परिसर में जनदर्शन के दौरान आत्मदाह का प्रयास किया।
आपको बताते चलें कि NTPC के भू विस्थापन से प्रभावित कोरबा जिले के चारपारा निवासी 22 अप्रैल 2023 से अपनी मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं. 4 महीने बाद भी शासन-प्रशासन और NTPC प्रबंधन से किसी प्रकार का समाधान नहीं होता देख आज 9 लोगों ने कोरबा कलेक्टर परिसर में आत्म्ह्दाह का प्रयास किया. कलेक्टर परिसर में जनदर्शन के दौरान NTPC के भू विस्थापन से पीड़ित 9 लोगों ने अपने ऊपर मिट्टी तेल डालकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। मौके पर तैनात सिपाहियों ने सतर्कता बरती और इससे पहले की ये लोग खुद को आग लगा पाते, इन्हें रोक लिया गया। सूचना मिलते ही कोरबा पुलिस अधीक्षक पी यू. उदयकिरण भी घटना स्थल पहुंचे। फ़िलहाल सिटी कोतवाली पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर SDM कार्यालय भेजा गया ।
क्या है पूरा मामला
पीड़ितों ने बीते 22 जुलाई को पत्रकारवार्ता के दौरान अपनी समस्या मीडिया के माध्यम से बताई थी. पीड़ितों की मने तो साल 1978-79 में ग्राम चारपारा, गेरवा, दर्रीखार नगोईखार,टांगामार गांवों की जमीन 2000 मेगावाट विद्युत ताप परियोजना के लिए अधिग्रहण की गई थी, इसमें ग्राम चारपारा व गेरवा संपूर्ण भू-विस्थापित ग्राम है। एनटीपीसी कोरबा द्वारा भू-विस्थापितों के 300 परिवार में से मात्र 38 परिवार के सदस्यों को एनटीपीसी कोरबा में नौकरी दी गई है , जिसमें 14 लोगों को सहकारी समिति ठेका कार्य दिया और 248 शेष परिवार के सदस्यों को प्लांट का विस्तार करने के बाद भी नौकरी प्रदान नहीं किया गया है।
NTPC प्रबंधन द्वारा ग्राम चारपारा के लोगों को नौकरी मांगने पर गुमराह करते हुए रिक्तियां नहीं होने की बात कही जाती है। वहीं सीपत के 33 भू-विस्थापितों को एनटीपीसी कोरबा में ट्रेनिंग के नाम से 2015 में नियमित कर्मचारी के रूप में रखें हुए हैं। ग्राम चारपारा के भू-विस्थापितों ने जमीन प्रदान किया और नौकरी सीपत एनटीपीसी के लोगों को दी जा रही है। 950 एकड़ से अधिक जमीन देने के बाद भी मजदूरी करना पड़ रहा है।