रायपुर: छत्तीसगढ़ में दूसरे और अंतिम चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार के अंतिम दिन रायपुर दक्षिण के कांग्रेस प्रत्याशी महंत रामसुन्दर दास ने पूरी ताकत झोंकी. बुधवार को महंत रामसुन्दर दास की अगुवाई में रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में मतदाता दर्शन और भव्य रोड शो किया. इस दौरान भारी संख्या में मतदाता शामिल हुए. रोड शो के दौरान रायपुर दक्षिण के कार्यकर्ताओं, महिलाओं, युवाओं, बुजुर्गों सहित हजारों की संख्या में स्थानीय लोग महंत रामसुन्दर दास का साथ देने रैली में शामिल हुए.
सड़क पर कई किलोमीटर तक केवल लोगों की भीड़ लगी थी. जगह-जगह फूलों की बारिश से महंत रामसुन्दर दास का स्वागत किया गया. जिस तरह से लोग महंत रामसुन्दर दास के साथ दिखे है. उससे चुनाव के परिणामों का सहजता से अंदाजा लगाया जा सकता है. हालाँकि आने वाला समय ही बताएगा कि ये भीड़ वोट में तब्दील हो पाती है या नहीं.
इस रूट पर किया रोड शो
महंत रामसुन्दर दास का यह रोड शो चंगोराभाठा बाजार चौक से शुरू होकर कुशालपुर रोड, कालापुतला चौक, कुशालपुर चौक, पहाड़ी तालाब (तिरंगा चौक), दंतेश्वरी मंदिर रोड, सोनकर बाड़ी, दंतेश्वरी मंदिर, दंतेश्वरी मंदिर चौक, पंकज गार्डन, खोखो पारा/ बंधवा पारा, माई की बगीया, लाखेनगर चौक, टिल्लू चौक, लोहार चौक, लिली चौक, पुरानी बस्ती थाना, कंकाली तालाब रोड, कंकाली पारा चौक, संदरबाजार रोड, कोतवाली चौक, राजीव गांधी चौक (सुभाष स्टेडियम), OCM चौक, काली माता मंदिर चौक, PWD चौक, जोगी बंगला चौक, नेताजी चौक, बूढ़ी माता चौक, पुराना राजेंद्रनगर चौक में समापन हुआ.
कौन हैं राम सुन्दर दास महंत
महंत राम सुंदर दास को कांग्रेस ने रायपुर जिले की रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है. वे दूधाधारी मठ के महंत व संचालक है. दो बार विधायक रह चुके हैं. वर्तमान में राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष हैं. महंत रामसुंदर दास का जन्म 6 जून 1966 को कॉल विभाजित जांजगीर चांपा जिले के सक्ती तहसील के पिहरिद ( वर्तमान में मालखरौदा ब्लॉक) में हुआ था. उनके पिता का नाम वैष्णव दास महंत है. उन्होंने एमए संस्कृत की उपाधि लेने के बाद पीएचडी की डिग्री ली है. पीएचडी में उन्होंने रामायण कालीन ऋषि मुनियों का तुलनात्मक अध्ययन किया. महंत रामसुंदर दास शिवरीनारायण मंदिर के मठाधीश है. रायपुर के ऐतिहासिक दूधाधारी मठ में उन्होंने बाल्यकाल से ही रहकर पढ़ाई की थी. यहां के महंत वैष्णव दास के देहांत के बाद मठ के उतराधिकारी बने. उसके अलावा उनका पेशा कृषि है. वह पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के अध्यक्ष रहे.
महंत राम सुंदर दास सन 2001 से 2003 तक प्रथम अध्यक्ष छत्तीसगढ़ संस्कृत बोर्ड बने. वे कार्यकारी अध्यक्ष छत्तीसगढ़ तुलसी मानस प्रतिष्ठान बने. वह छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के सदस्य रहे. पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के सदस्य रहे. छत्तीसगढ़ संस्कृत परिषद के अध्यक्ष रहे. 2003 में पामगढ़ विधानसभा से पहली बार विधायक निर्वाचित हुए. फिर 2008 में जैजैपुर विधानसभा से दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए. 2004 में सदस्य नियम समिति विधानसभा रहे. 2009 से 2011में सदस्य प्राकल्लन समिति, पटल पर रखे गए पत्रों का परीक्षण करने वाली समिति के सदस्य रहे. 2011 में सदस्य सुविधा एवं सम्मान समिति ,महिलाओं एवं बालकों के कल्याण संबंधी समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य रहें. वर्तमान में राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष हैं.